भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चिड़िया से कहा लड़की ने / रवीन्द्र दास

Kavita Kosh से
Bhaskar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:50, 19 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: चिड़िया से कहा लड़की ने पंख दोगी मुझे ! उड़ना चाहती हूँ मैं भी खु...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चिड़िया से कहा लड़की ने

पंख दोगी मुझे !

उड़ना चाहती हूँ मैं भी

खुले आकाश में

चिड़िया ने कहा

क्यों नहीं , ये लो मेरे पंख

घूम आओ अनंत आकाश में

सकपका गयी लड़की

बोली- नहीं, नहीं ,

अभी नहीं ले सकती मैं पंख ,

मम्मी डाटेंगी

मैं ठीक हूँ ऐसे ही

फिर भी प्रार्थना करुँगी भगवान् से

अगले जन्म में

पंखों वाली चिड़िया बना दे मुझे!