भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आज भी प्यार / रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:58, 6 जून 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति }} <poem> प्यार है आज भी ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्यार है आज भी प्यार सा
किनारे आज भी किनारे हैं
वक़्त कुछ नहीं बदलता
समुंदर भी कुछ नहीं बदलता

गाँव है आज भी गाँव सा
इंसान आज भी इंसान है
शहर कुछ नहीं बदलता
ज़माना भी कुछ नहीं बदलता

दर्द आज भी दर्द सा है
दवा आज भी दवा है