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आओ बात करें / रवीन्द्र दास
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आओ बात करें
कुछ तुम कहो , कुछ मेरी भी सुनो।
तुम्हारा कोई साथी जो बिछड़ गया
तुम उसे मुझमे पाओ
वह मिलेगा
नज़र में वही रंग भरो
मैं तुम्हे उसी रूप में मिलूँगा
मत पीटो लकीर
मेरे हृदय में कम प्यार नहीं है
अपने आपसे तो प्यार करो तुम।
मैं तो तुम्हे अपने खोये प्यार की तरह चाहता हूँ
मुझे नहीं पता है
बहुत देर तक रोना
मैं तुम्हे प्यार करता हूँ
गोया, जनता नहीं कि प्यार किया कैसे जाता है
अगर मामला दिल का है
तो करो यकीन
और मुझे प्यार की नज़र से देखो
शर्तिया तुम्हे कायनात का नज़ारा
बेहद खुबसूरत नज़र आएगा
इसके लिए ज़रूरी है -
आओ कुछ बात करें