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पूंजी / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

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चुटकी भर मिट्टी
चोंच भर पानी
चिलम भर आग
दम भर हवा

पूंजी है यह

खाने
और लेकर
परदेश जाने के लिए।