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धरे हथेली गाल पर / शलभ श्रीराम सिंह
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धरे हथेली गाल पर
सोच रहा हूँ कल की बातें- गए वर्ष की कुछ तस्वीरें
झूल रहीं दीवाल पर !
धरे हथेली गाल पर...!