भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
समय का चेहरा / हरजेन्द्र चौधरी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:32, 24 अक्टूबर 2009 का अवतरण ("समय का चेहरा / हरजेन्द्र चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
कुत्ते को घास खाते
गाय को हड्डी चबाते
देखा मैंने
आज शाम
कूड़ाघर के पास
भूख के सिर बंधेगा परिवर्तन का सेहरा
कैसा-कैसा होता जा रहा
समय का चेहरा...
रचनाकाल : 14 जून 1993, नई दिल्ली