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जो हुआ वो हुआ किसलिए / निदा फ़ाज़ली
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जो हुआ वो हुआ किसलिए
हो गया तो गिला किसलिए
काम तो हैं ज़मीं पर बहुत
आसमाँ पर खुदा किसलिए
एक ही थी सुकूँ की जगह
घर में ये आइना किसलिए