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रंग-4 / जया जादवानी

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रंग बहते हैं तो
उसके हाथ ले लेते हैं पत्तियों का आकार
रंग बहते हैं तो
उसका चेहरा फूल हो जाता है
रंग बहते हैं तो
देह उसकी हो जाती है सरोवर
रंग बहते हैं तो
तीसरी डुबकी लेती हूँ मैं
अंतर्धान हो जाती हूँ।