भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
स्त्री / शलभ श्रीराम सिंह
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:27, 24 दिसम्बर 2009 का अवतरण ("स्त्री / शलभ श्रीराम सिंह" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
एक हँसी का नाम है स्त्री
स्त्री एक रुलाई का नाम है
एक खामोशी का नाम है स्त्री
स्त्री एक ख़बर का नाम है
एक नज़र का नाम है स्त्री
स्त्री एक लहर का नाम है।
एक चेतना का नाम है स्त्री
स्त्री एक घटना का नाम है
एक रचना का नाम है स्त्री।
स्त्री के भीतर
मुझे कभी कोई स्त्री नहीं दिखी
एक भी पंक्ति नहीं लिखी मैंने
स्त्री के ऊपर।
रचनाकाल : 1993