Last modified on 17 जनवरी 2010, at 10:44

विदा के समय / शलभ श्रीराम सिंह

पूजा जैन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:44, 17 जनवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह |संग्रह=उन हाथों से परिचित हूँ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चेहरा वह नहीं था
हँसी भी नहीं थी वह
सुन्दर-सुन्दर था फिर भी सब कुछ
दुःख का ऐसा रूपांतरण
देखा नहीं गया कहीं।
देखा नहीं गया कभी।।


रचनाकाल : 1992, अयोध्या