♦ रचनाकार: वारिस शाह
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जुगनी ते जुगना चल मणियाँ
पाणी नु चलियाँ दो जणियां ,
साडे बुए दे अग्गे नाली,
उड़ गया कां ते बै गयी लाली
नी कई सोणी जुगनी- शाब्बा
नी कई बांकी जुगनी- शाब्बा
नी कई टोई पिरोती- शाब्बा
नी कई लिशकन मोती- शाब्बा
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ
पाणी नु चलियाँ दो जणियां ,
जुगनी जा वडी मदरसे,
मुंडे लै किताबाँ नसे
मास्टर खिड खिड कर के हस्से
नी कई सोणी जुगनी- शाब्बा
नी कई बांकी जुगनी- शाब्बा
नी कई टोई पिरोती- शाब्बा नी कई बिखरण मोती-
शाब्बा जुगनी ते जुगना चल मणियाँ
पाणी नु चलियाँ दो जणियां ,