भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

क्या? / अशोक वाजपेयी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:58, 8 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक वाजपेयी |संग्रह=उम्मीद का दूसरा नाम / अशोक …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उसकी आँखें क्या देखती हैं :
पृथ्वी की कसमसाती कामना,
आकाश का नीला धीरज,
समुद्र की उत्तप्त अगाधता!

उसके हाथ क्या छूते हैं :
हवा की विवश अदृश्यता,
आग की सिर उठाती लौ,
वृक्ष की संकुचित शिराएँ।

उसका शरीर याद करता है :
अनुराग की टिमटिमाती दीपशिखाएँ,
त्वचा का उल्लसित कम्पन,
शरीर में समाने की अधीर हड़बड़ी।