Last modified on 19 जनवरी 2007, at 22:19

जीवन तुझे समर्पित किया / गुलाब खंडेलवाल

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:19, 19 जनवरी 2007 का अवतरण

रचनाकार: गुलाब खंडेलवाल

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

जीवन तुझे समर्पित किया

जो कुछ-भी लाया था तेरे चरणों पर धर दिया


पग-पग पर फूलों का डेरा

घेरे था रंगों का घेरा

पर मैं तो केवल बस तेरा-

तेरा होकर जिया


सिर पर बोझ लिये भी दुर्वह

मैं चलता ही आया अहरह

मिला गरल भी तुझसे तो वह

अमृत मान कर पिया


जग ने रत्नकोष है लूटा

मिला तँबूरा मुझको टूटा

उस पर ही, जब भी स्वर फूटा

मैंने कुछ गा लिया


जीवन तुझे समर्पित किया

जो कुछ भी लाया था तेरे चरणों पर धर दिया