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फुल्लां दी बहार राती आयों न / पंजाबी

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फुल्लां दी बहार राती आयों न

शाब्बा राती आयों न

फुल गये कुम्ला गौरी मन भायो न

शाब्बा राती आयों न

आसे पावां पासे पावां विच विच पावां कलियाँ

जे मेरा रान्जण न मिलया, मैं ढुंडियां सारियां गालियाँ

राती आयों न

फुल्लां दी बहार राती आयों न

शाब्बा राती आयों न



इक मेरा रान्जण आया-शाब्बा

दिल दा सांजण आया-शाब्बा

दिल दी मस्ती आई- शाब्बा

खिड खिड हस्ती आई-शाब्बा

इक मेरा लाल गवाचा- शाब्बा

लाल गुपाल गवाचा-शाबा



नी सुण मेरिये माये-शाब्बा

डीवा बाल चुबारे-शाब्बा

नी मेरा दिल घबराया-शाब्बा

नी मेरा लाल न आया-शाब्बा

लाल गुपाल न आया-शाब्बा

फुल्लां दी बहार राती-आयों न

शाब्बा राती आयों न

फुल गये कुम्ला गौरी मन भायो न

शाब्बा राती आयों न



शाब्बा चरखा चन्दन दा

शाब्बा चरखा चन्दन दा

चरखा कूकर देंदा-शाब्बा

कूकर लगी कलेजे-शाब्बा

इक मेरा दिल पाया धडके-शाब्बा

दूजे कंगणा छणके-शाब्बा

राती आयों न

फुल्लां दी बहार राती आयों न

शाब्बा राती आयों न

फुल गये कुम्ला गौरी मन भायो न



चरखा चन्दन दा

शाब्बा चरखा चन्दन दा

माँ मेरी ने चरखा दित्ता

विच चरखे दे मेखां

माँ राणी मैनू याद पई आवे

झट चरखे वल वेखां

चरखा चन्दन दा

शाब्बा चरखा चन्दन दा

फुल्लां दी बहार राती यों न

शाब्बा राती आयों न



आसे पावां पासे पावां विच विच पान्वां रेशम

जे मेरा रान्जण न मिलया मैं ढूंडा सारा टेशन

राती आयों न

शाब्बा राती आयों न

फुल्लां दी बहार राती आयों न

शाब्बा राती आयों न

फुल गये कुम्ला गौरी मन भायो न

शाब्बा राती आयों न

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