भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जब मैं जागता हूँ / ऊलाव हाउगे

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:39, 1 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ऊलाव हाउगे |संग्रह= }} Category:नॉर्वेजियाई भाषा <Po…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ऊलाव हाउगे  » जब मैं जागता हूँ

जब मैं जागता हूँ, एक काला
कऊ‍आ मेरे हृदय को नोचता है।
क्या मैं फिर कभी नहीं जागूँगा और देखूँगा
समुद्र और सितारे, जंगल और रात,
और सुबह जिसमें पक्षी गाते हैं?


अंग्रेज़ी से अनुवाद : रुस्तम सिंह