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हमसे किसी का प्यार छिपाया न जाएगा / गुलाब खंडेलवाल

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हमसे किसी का प्यार छिपाया न जाएगा
इतना हँसी बोझ उठाया न जाएगा

मेंहदी लगी हुई है उमंगों के पाँव में
सपने में भी तो आपसे आया न जाएगा

लय-ताल टूट जाते हैं आते ही उनका नाम
जीवन का गीत हमसे तो गाया न जाएगा

हँसने की बात और थी, रोने की बात और
पत्थर के दिल में फूल खिलाया न जाएगा

यों तो किसी के मन से उतारे हुए हैं हम
आयेंगे याद फिर तो भुलाया न जाएगा

लहरा रहे हैं आपकी आँखों में अब गुलाब
काँटों से ज़िन्दगी को बचाया न जाएगा