भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

न है मेरे दोषों की माप / गुलाब खंडेलवाल

Kavita Kosh से
Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:23, 28 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह=तिलक करें रघुवीर / गुलाब …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


न है मेरे दोषों की माप
किन्तु सुना है, आँसू से धुल जाते है कुल  पाप
अनुनय-विनय नहीं जब माने
काल दंड देने की ठाने
प्रभु! तब मुझको क्षमा दिलाने
क्या न बढ़ेंगे आप!
 
तम को  ज्योति, मलिनता को जल
करता दूर नियम ज्यों अविचल
धो देंगे क्या नहीं कर्मफल
मेरे ये अनुताप!
 
यदि जो  किया वही पायेंगे
किस दिन आप काम आयेंगे!
फिर तो स्वामी बन जायेंगे
पानी, बिजली, भाप

न है मेरे दोषों की माप
किन्तु सुना है, आँसू से धुल जाते है कुल पाप