यह सच है
कि फूल डाल पर ही शोभा पाते हैं,
पर तुम्हारे जूडे में पहुँचकर तो
वे और भी सुन्दर बन जाते हैं;
और मेरे ये गीत भी
कागज़ पर छपे हुए चाहे जितने अच्छे लगते हों,
सार्थक तभी होते हैं
जब तुम्हारे होंठ इन्हें गुनगुनाते हैं
यह सच है
कि फूल डाल पर ही शोभा पाते हैं,
पर तुम्हारे जूडे में पहुँचकर तो
वे और भी सुन्दर बन जाते हैं;
और मेरे ये गीत भी
कागज़ पर छपे हुए चाहे जितने अच्छे लगते हों,
सार्थक तभी होते हैं
जब तुम्हारे होंठ इन्हें गुनगुनाते हैं