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बूँदे - जो मोती बन गयी / गुलाब खंडेलवाल
Kavita Kosh से
					
										
					
					बूँदे - जो मोती बन गयी
| रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल | 
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| वर्ष | |
| भाषा | हिंदी | 
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| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
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 - यदि तू कभी इस अरण्य में आयेगा, / गुलाब खंडेलवाल
 - यह सच है / गुलाब खंडेलवाल
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