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कुछ गीत तो मैंने / गुलाब खंडेलवाल

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कुछ गीत तो मैंने
तुम्हें गाकर सुनाये हैं,
और कुछ गीत
तुमसे यत्नपूर्वक छिपाए हैं,
पता नहीं, दोनों में
कौन-से तुम्हें भाये हैं!