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नींव अनाम सिपाही होंगे / विजय वाते
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होंगे जिल्ले इलाही होंगे
साथी चोर सिपाही होंगे
जो खुद अपने साथ नहीं हैं
किसके क्या हमराही होंगे
खौफज़दा वो कान के कच्चे
क्या जुल्मों के गवाही होंगे
उनकी हस्ती रिश्ते नाते
सब के सब हरजाई होगे
खुद को गलत समझने वाले
अपने ही शैदाई होंगे
नाम अमर चाहे इनका हो
नींव अनाम सिपाही होंगे