भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बाल पहेलियाँ-5 / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:21, 15 जून 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> '''१. करो या मरो नारा जि…)
१.
करो या मरो नारा जिनका,
पहनी हरदम खादी ।
आज़ादी की ख़ातिर जिसने,
अपनी जान गँवा दी ।।
२.
छोटे क़द का बड़ा आदमी,
जीवन सीधा-सादा।
बचपन से ही संघर्षशील था,
उनका अटल इरादा ।।
३.
माँ स्वरूप रानी थी जिनकी,
पिता थे मोतीलाल ।
फूल गुलाब का जिन्हें प्रिय था,
प्यारे बाल गोपाल ।।
४.
अधिकारों का हक़ है जन्मसिद्ध,
लेंगे हम आज़ादी।
जन-जन में यह अलख जगाई
लाल-पाल का साथी।।
५.
विद्यावती माता थी जिनकी,
किशनसिंह पिता किसान ।
वीर भगत भारत माता का,
हँस कर हुआ कुरबान ।।
उत्तर :
१. महात्मा गाँधी
२. लाल बहादुर शास्त्री
३. पंडित जवाहरलाल नेहरू
४. बाल गंगाधर तिलक
५. शहीद भगतसिंह