भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कृपया ठुँग न मारें-4 / नवनीत शर्मा

Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:50, 1 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवनीत शर्मा |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> दफ़्तर घर माँ प…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 

दफ़्तर
घर
माँ
प्रेमिका
दोस्त
ओ सूरजप्रकाश!
क्या तुम ऐसी पाँच तख़्तियाँ
दे सकते हो?