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आश्चर्य क्या है? / चंद्र कुमार जैन

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रचनाकार: चंद्र कुमार जैन

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एक क्षण के बाद
दूसरा क्षण क्या है,
हँसने के बाद रोना पड़े
तो आश्चर्य क्या है ?
कली जो खिल रही
उद्यान की हर डाल पर,
दूसरे क्षण टूटकर गिर जाए
तो आ चर्य क्या है ?
हाथों पर जिसको पाया
और गोद में रखकर दुलराया,
कांधों पर उसको ले जाना
पड़ जाए तो आ चर्य क्या है ?
एक क्षण पहले यहाँ
हँसते हुए देखा जिसे,
हँसी वह गर रुदन में
ढल जाए तो आश्चर्य क्या है ?