भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिल्ली में बसंत / दिनेश कुमार शुक्ल
Kavita Kosh से
कुमार मुकुल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:10, 3 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल |संग्रह=ललमुनियॉं की दुनिया }}…)
रंग-बिरंगे फूल
भावना की सुवास है
हफ्ते भर का है वसंत
फ़रवरी मास है
इतने बरसों बाद
तुम्हारा दो दिन का दिल्ली प्रवास है
सच बतलाना
एक दूसरे के वियोग में
हममें तुममें
क्या कोई सचमुच उदास है