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उठो / त्रिलोचन
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कुकड़ूँ कूँऽऽ
उठो, जल्दी उठो,
महुए बीन लो
दखिनहिया जगी
और तारे ढले
नींद से जाग कर
अब बटोही चले
चिड़िया बोली-
(सुनो ! सुनो !!)
ठाकुर जीऽ
उठो, जल्दी उठो,
महुए बीन लो