भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रेशम जाल-1 / इदरीस मौहम्मद तैयब
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:05, 22 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इदरीस मौहम्मद तैयब |संग्रह=घर का पता / इदरीस मौह…)
एक देश को भ्रम से कभी कुछ मिलेगा
उसके सपने में उत्कण्ठा को कौन सुलगाएगा
जो भी देश अपने बेटों को दूर भेज देता है
सूर्यास्त के समय उनको खो देता है
रचनाकाल : 21 अगस्त 2000
अंग्रेज़ी से अनुवाद : इन्दु कान्त आंगिरस