भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राजा और बाजा-एक / मुकेश मानस

Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:38, 22 अगस्त 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
पकड़ लो
पकड़ लिया

राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
बाँध लो
बाँध लिया

राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
जेल में डालो
डाल दिया

राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
फांसी झुलाओ
झुला दिया
राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी खाली
वाह मेरे बाजा
इसी बात पर हो जाए ताली

1992, पुरानी नोटबुक से