भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
'हाई टी' और 'डिनर' के बाद / शाहिद अख़्तर
Kavita Kosh से
Shahid (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:45, 25 अगस्त 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: ''''हाई टी' और 'डिनर' के बाद''' कभी देखा है तुमने देश की तकदीर लिखने वाल…)
'हाई टी' और 'डिनर' के बाद
कभी देखा है तुमने देश की तकदीर लिखने वालों ने क्या क्या ना बनाया है हमारे लिए आग उगलती, जान निगलती हजारों मील दूर मार करने वाली मिसाइलें हैं हम एटमी ताकत हैं अब किसकी मजाल जो हमें डराए धमकाए अंतरिक्ष पर जगमगा रहे हैं हमारे दर्जनों उपग्रह चांद पर कदम रखने की हम कर रहे हैं तैयारियां और दुनिया मान रही है हमारा लोहा हम उभरती ताकत है अमेरिका भी कह रहा है यह बात हां, यह बात दीगर है कि भूख और प्यास के मामले में हम थोड़ा पीछे चल रहे हैं लेकिन परेशान ना हों 'हाई टी' और 'डिनर' के बाद नीति-निर्माताओं की इसपर भी पड़ेगी निगाह