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सतह के समर्थक समझदार निकले / शेरजंग गर्ग

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सतह के समर्थक समझदार निकले
जो गहरे में उतरे गुनहगार निकले

बड़ी शान-ओ-शौकत से अख़बार निकले
कि आधे-अधूरे समाचार निकले

ये जम्हूरियत के जमूरे बड़े ही
कलाकार निकले, मज़ेदार निकले

बिकाऊ बिकाऊ, नहीं कुछ टिकाऊ
मदरसे औ' मन्दिर भी बाज़ार निकले

किसी एक वीरान-सी रहगुज़र पर
फटे हाल मुफलिस वफादार निकले

गुलाबों की दुनिया बसाने की ख़्वाहिश
लिए दिल में जंगल से हर बार निकले