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ऐसी हालत मे क्या किया जाए / शेरजंग गर्ग

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ऐसी हालत मे क्या किया जाए?
पूरा नक़्शा बदल दिया जाए।

देश का क्लेश मिटे इस ख़ातिर
फिर नए तौर से लिया जाए।

ख़ुद को ख़ुदगर्ज़ियों की सूली पर
क्यों ख़ुशी से चढ़ा दिया जाए?

प्यार की मार हो, प्रहर न हो
आज ऐसे भी लड़ लिया जाए।

क़ौम को जो नई उमर बख़्शे
घूँट कड़वा ही पी लिया जाए।

चाक दामन हुआ शराफ़त का
उसको सम्मान से सिया जाए।