त्रिशूल की चोटी के बगल
श्याम पट के आकार पर
सुबह लिख रही है कुछ
कभी गंगोत्री हाट के
चोड़ियार गाँव से भी
खड़े होकर पढ़ो हिमालय
त्रिशूल की चोटी के बगल
श्याम पट के आकार पर
सुबह लिख रही है कुछ
कभी गंगोत्री हाट के
चोड़ियार गाँव से भी
खड़े होकर पढ़ो हिमालय