Last modified on 15 अक्टूबर 2010, at 11:24

दीप जकाँ एक नाम / बुद्धिनाथ मिश्र

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:24, 15 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बुद्धिनाथ मिश्र |संग्रह= }} Category: मैथिली भाषा [[Category…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दिन भरि गाछक छाँह जकाँ
क्यो संग चलय अभिराम
साँझ परैत बरैए मन मे
दीप जकाँ एक नाम ।

बरिसत कहियो वन-पाँतर
चेतन मेघ क जलधार
एक चिरायु तृषा सँ जीवित
ई जलहीन इनार

स्नेह क स्वाति-विंदु ले' भटकल
चातक चारू धाम।

राति-विराति पाँखि तोरै अछि
मौन क सोनचिरै
भोरे सिङरहार तर अगबे
दूभि-अछत झहरै

फूल क वाण अनिल संधानय
मारय ठाम-कुठाम।

पुरना काँपी मे गीत क सङ
देखि मयूर क पाँखि
शापित यक्ष क कथा सुमिरि
भरि आयल दूनू आँखि

आर कते दिन शीतलहरि चलतै
ई जानथि राम।