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नहीं तो आया अब तक मेघ / केदारनाथ अग्रवाल

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उतरने को आया अषाढ़
नहीं तो आया अब तक मेघ
नहीं तो आए अब तक अनमोल बरसते मोती
नहीं तो आई जाम ढरकाती सुराही
आज भी दिन गया सूखा-सूखा
आसमान को सूखा देखते

रचनाकाल: ३०-०६-१९६१