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साधारण मनुष्य / केदारनाथ अग्रवाल
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मैं वही साधारण मनुष्य हूँ
अनाम मर गया मैं
वृहत् संसार में
समय के चक्र से
कटकर
जब तक जिया
प्रताड़ित जिया मैं
जब मरा
फिर न जन्मने के लिए मरा मैं
रचनाकाल: १४-१०-१९६५