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चंदोवा तना / रमेश तैलंग
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पूनम की उजियारी खिली रे जुन्हाई,
सिर पर चंदोवा तना ।
हो जी, सिर पर चंदोवा तना ।
दूधो नहाए जी महले, दुमहले,
काले-कलूटे दिखे सब रुपहले,
जग-मग हुआ आँगना ।
हो जी, सिर पर चंदोवा तना ।
अम्माँ रसोई की करके सफ़ाई,
कोठे पे जा बैठी लेकर चटाई,
बानक ख़ुशी का बना ।
हो जी, सिर पर चंदोवा तना ।
भाग बड़े, खुला आकाश पाया,
माथे पर है पूरे चाँद का साया,
शीतल, सुखदायी घना ।
हो जी, सिर पर चंदोवा तना ।