Last modified on 27 नवम्बर 2010, at 16:54

मांय तो नागा ई / सांवर दइया

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:54, 27 नवम्बर 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नागा जलमै सैंग
गाभा पैर परा सूधा दीसण लागै
पण
मांय तो नागा ई रैवै

घर-घर बुद्धू बक्सै रो रोग
नागी नाचै नार
नागा नाचै लोग

नागा नै नागा देखै
अर
बिना नागा देखै !