भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जामै हरियाळी / ओम पुरोहित कागद

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:18, 1 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित कागद |संग्रह=आंख भर चितराम (मूल) / ओम प…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

थार परवानै
वायरियै
मांड्यो खत
लिखी गत
बांचै सुरजी
सुणै कद
पिव बादळ ।

मुरधर
सदा सुहागण
उडीक पसारै
उण रै आंगण
जामै हरियाळी
बाजै थाळी ।