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अपनी धुन के पीछे चल / धीरज कंधई
Kavita Kosh से
दुनिया क्या कहती कहने दे
तू अपनी मस्ती रहने दे
तू न जरा अपने पथ से टल
तू अपनी धुन के पीछे चल
बाधाएँ आएँ आने दे
विपदाएँ आएँ आने दे
हँस हँस काँटों पर धर चल
तू अपनी धुन के पीछे
जो जी में हो जग में कर जा
अपनी धुन के पीछे मर जा
होगी तेरी कामना सफल
तू अपनी धुन के पीछे चल।