भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अबै अठै सूं आगै कांई ठा / सांवर दइया
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
अबै अठै सूं आगै कांई ठा
कुण चालैला सागै कांई ठा
आंख्यां च्यार कर चैन सोधै हो
रात-रात क्यूं जागै कांई ठा
कठैई हार नीं जावां बाजी
ऐडो नित क्यूं लागै कांई ठा
सांस सूं कंवळो हुवता थकां ई
कद बांध्यो ईं धागै कांई ठा
आं सांसां में ऊगै अगन-बिरख
पछै डर किंयां भागै कांई ठा