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आँँसू नहीं निचोड़ो छोड़ो यार / अशोक अंजुम
Kavita Kosh से
आँँसू नहीं निचोड़ो छोड़ो यार !
अगर नहीं मन, छोड़ो यार !
ऊसर हो, तो हो जाए
दिल की ज़मीं न गोड़ो यार !
पीकर भांग मजहबों की
आपस में सर फोड़ो यार !
फूल खिले हैं बगिया में
जाओ छुपकर तोड़ो यार !
बापू खड़े हैं रस्ते में
जल्दी गाड़ी मोड़ो यार !
बम फटने को आतुर है
चलो कनेक्शन जोड़ो यार !