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इंतजार / प्रिया जौहरी
Kavita Kosh से
ये प्रेम पूरा नहीं होगा इस जन्म में
जैसे पूरा नहीं हुआ था
शिवऔर सती का पर
यकीन करो
जब बन जाऊँगी मैं
सती से पार्वती
तब बन जाऊँगी तुम्हारी
तब तक के लिए प्रेम की
इस तपस्या में
रख लो इस प्रेम का शव
अपने कंधे पर
जैसे शिव ने रखा था
सती के शव को
और विचरण करो
शिव की तरह इस सम्पूर्ण संसार मे
मैं साथ में हूँ तुम्हारे इस यात्रा में
जहाँ-जहाँ सती के अंग गिरे थे वहाँ
शक्तिपीठ बन गए थे
पर हमारे प्रेम में
मेरे अंग जहाँ जहाँ
गिरेंगे वहाँ-वहाँ एक
प्रेमपीठ बनेगा
जहाँ जहाँ प्रेम छलकेगा
वहाँ वहाँ मेरा तुम्हारा
कैलाश होगा ।