भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इत्तो ई है / सांवर दइया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

पाणी रै जोर में टेंटीजता
गाजता-गरजता
धूम-धडाकै सूं आया लोर

टूट र बरस्या घडी क
पून री फटकार लागतांई
छोड दिया पग
थूक मुट्ठी भाग्या लोर
हेला पाड़ती रही धरती
बस, इत्तो ई है जोर ?