भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक बेहद लम्बी सुरंग है समय / हेमन्त शेष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक बेहद लम्बी सुरंग है

समय

जिसके भीतर गुज़रते वक़्त

कुछ ऎसा लगता है जैसे आप हल्की हरारत में

ताज़ा गुलदस्ते लेकर पछतावों

के पीछे दौड़ रहे हों