भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक माँ की कविताएँ-3 / नरेन्द्र जैन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

इन दिनों मैं
हर रोज़
सुनाता हूं उसे अपने
बचपन की कहानियाँ

इन दिनों
उसकी आँखों में
एक नवजात चेहरा हँसता रहता है

इन दिनों
आँगन में खड़ी
आम के पेड़ को देखती रहती है वह

देखती रहती है मेरी तरफ़
इन दिनों वह
जैसे
मेरे बचपन के बहाने
अपने बच्चे का
बचपन जी रही है