भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक शे’र4 / अली सरदार जाफ़री

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक शे’र


मुसहफ़े-रुख़<ref>चेहरे की किताब</ref> पे जो ज़ुल्फ़ों ने लिखा बिस्मिल्लाह
आयी ज़ंज़ीर के हल्क़ों की सदा, बिस्मिल्लाह

शब्दार्थ
<references/>