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कण / सुदर्शन प्रियदर्शिनी
Kavita Kosh से
एक कण
आकाश से
आर्द्र नमी का
गिरा --
अटका रह गया
निस्तब्थ
पलक पर -
सामने चार कहार
चार -हताहतों
की लाश -
ढो रहे थे ...