Last modified on 17 जुलाई 2015, at 11:24

कहवाँ के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल हे / मगही

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कहवाँ<ref> किस स्थान, कहाँ</ref> के सेनुरिया<ref>सिन्दूर बेचने वाला</ref> सेनुर<ref>सिन्दूर</ref> बेचे आयल हे।
कहवाँ के बर कामिल<ref>काबिल, होशियार</ref> सेनुर बेसाहल<ref>खरीदा</ref> हे॥1॥
कवन पुर के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल हे।
कवन पुर के बर कामिल, सेनुर बेसाहल हे॥2॥

शब्दार्थ
<references/>