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केवल इतना जाना / केशव शरण
Kavita Kosh से
मेरा रंग चलेगा
मेरा रूप चलेगा
मेरी ख़ुशबू चलेगी
मगर मेरा घमंड नहीं चलेगा
मैंने केवल इतना जाना
फूल होकर
एक दिन
धूल होकर