भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कैसी विचारधारा आपकी भीम जी / सतबीर पाई
Kavita Kosh से
कैसी विचारधारा आपकी भीम जी
करगे सुधार दई ऐसी स्कीम जी...टेक
बिल्कुल साच्ची बात कही सै
दई तनै गाड़ इस भारत की नीम जी...
या जनता थी सादी भोली
नब्ज़ देखकै दे दी गोली
आप थे कितने बड़े हकीम जी...
भारत का संविधान लिखा सै
पूरा करकै ध्यान लिखा सै
चाल्ली कलम थारी कृपा असीम जी...
बौद्ध धर्म की ले ली दीक्षा
पढ़ली ऊँची पा ली शिक्षा
बहुत सही सै हीम और खीम जी...
सतबीर सिंह तेरा गाम सै पाई
काम सही करणा कविताई
गावै बजावै थारी रहमत से टीम जी...